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तू ज़िंदगी को जी

तू ज़िंदगी को जी

तू ज़िंदगी को जी तू ज़िंदगी को जी,, उसे समझने की कोशिश न कर " सुन्दर सपनों के ताने बाने बुन उसमें उलझने की कोशिश...

समुन्द्र के किनारे

समुन्द्र के किनारे समुन्द्र के किनारे बैठा था, अकेले,शांतचित, एकांत को धारण कर, लहर ने पूछा ऐसे अकेले में क्यों बैठे हो? मै बोला अकेले...

सयानी बेटियां

अनमोल वचन

अनमोल वचन समय से पहले हो जाती हैं सयानी बेटियां अपनो के ढंग में ढल जाती हैं .. अपनी पीड़ा को समेटे मुस्कराती हैं बेटियां...

kavita

Nadiyo ki Niyati

नदियों की नियति नदियों को पर्वत से अधिक कौन समझ पाया है, लहरों को सागर से अधिक, कौन समझ पाया है, अपने संतानों को गांव...