अनमोल वचन
समय से पहले हो जाती हैं सयानी बेटियां
अपनो के ढंग में ढल जाती हैं ..
अपनी पीड़ा को समेटे मुस्कराती हैं बेटियां
कोई समझ ना पाए हमारी वेदना इसलिए हंसती हैं..
माँ-बाप की अनमोल रत्न होती हैं बेटियां
अपनी खुशी औरों में ढूंढकर खुश हो लेती हैं ..
थोड़े से पुचकार से किस्मत की धनी मान लेती हैं बेटियां
सौ नखरे करने वाली यूं सयानी हो जाती हैं ..
जाने क्यों माँ-बाप से भी दुख छुपाती हैं
अपनी पीड़ा को समेटे मुस्कराती हैं बेटियां
पसंद के कपड़े ना मिलने पर कोहराम मचाने वाली..
कब इतनी सयानी हो जाती हैं बेटियां
दुख दर्द सहकर भी बड़े आराम से मुस्कराती..
हंसते हुए सारे बला को टाल जाती हैं बेटियां
अपनी पीड़ा को समेटे मुस्कराती हैं बेटियां
माँ-बाप की अनमोल रत्न होती हैं बेटियां ।।