एक कहानी – सुनहरी सुबह की
नयी रौशनी लेकर आया,
रात की चांदनी का फ़रमान ले आया,
चिड़ियों की ची ची भरी मुस्कान ले आया,
सवेरे की ठंडी हवा ले आया,
कुछ यादों का एक झौंका आज फिर ले आया,
कुछ अन्न कहीं बातों की पुकार ले आया,
आज कुछ अजीब सी कुलबुलाहट ले आय़ा,
मौसम भी गरम था, और मिज़ाज भी,
आज हवा भी उल्टी बह रहीं थीं,
ना जाने किस ओर दस्तक दे रहीं थीं ,
हल्की हल्की मुस्कान से दिल मोह रहीं थीं,
दिन दिन का कारवां है,
कभी धूप भी दीवानी होती है,
कभी कभी हवा भी बेइमानी होती है,
प्रकृति की छटा है, अपने ही उसूलों की रज़ा है,
आज बहता हुआ पानी भी थम गया,
बादलों के बीच एक चांद भी ओझल हो गया,
समय के विरुद्ध आज एक नया युद्ध हो गया,
रोचक ज़िंदगी का एक ख़त पन्नों मैं लिपट गया,
शब्दों का नहीं, गुमनाम चुप्पी का असर था,
एहसास पुरानी यादों का था,
और आवागमन एक मिठास का था,