वर की कहानी

एक नगर था. जिसमें चंदेश नाम का राजा राज करता था. उसके साक्षी नाम की रानी थी और तेजश्वनी नाम की लड़की. राजकुमारी यथा नाम तथा गुण थी. जब वह बड़ी हुई तो उसका रूप और निखर गया. राजा और रानी को उसके विवाह की चिन्ता हुई. चारों ओर इसकी खबर फैल गयी.

बहुत से राजाओं ने अपनी अपनी तस्वीरें बनवाकर भेंजी, पर राजकुमारी ने किसी को भी पसन्द न किया. राजा ने कहा, बेटी, कहो तो स्वयम्वर करूँ. लेकिन वह राजी नहीं हुई. आख़िर राजा ने तय किया कि वह उसका विवाह उस आदमी के साथ करेगा, जो रूप, बल और ज्ञान, इन तीनों में बढ़ा चढ़ा होगा.

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