तू ज़िंदगी को जी
तू ज़िंदगी को जी तू ज़िंदगी को जी,, उसे समझने की कोशिश न कर ” सुन्दर सपनों के ताने बाने…
तू ज़िंदगी को जी तू ज़िंदगी को जी,, उसे समझने की कोशिश न कर ” सुन्दर सपनों के ताने बाने…
समुन्द्र के किनारे समुन्द्र के किनारे बैठा था, अकेले,शांतचित, एकांत को धारण कर, लहर ने पूछा ऐसे अकेले में क्यों…
अनमोल वचन समय से पहले हो जाती हैं सयानी बेटियां अपनो के ढंग में ढल जाती हैं .. अपनी पीड़ा…
नदियों की नियति नदियों को पर्वत से अधिक कौन समझ पाया है, लहरों को सागर से अधिक, कौन समझ पाया…