दो सप्ताह पहले पिताजी का फोन आया की तुमको जीएसटी के बारे में कुछ पता है,मुझे लग रहा है की ये सीए कहीं उल्लू तो नही बना रहा है। हम कहे थोड़ा पता है,आप कहेंगे तो मैं पढ़ के,इधर – उधर से पता करके आपको बताता हूं।तो इसमें कहना क्या है पता करो और बताओ।
तीन दिन बाद फिर से फोन किया और जीएसटी पर बात चली,बात जीएसटी से भारत के इकोनॉमी पर शिफ्ट हो गया,15 मिनट के लेक्चर के बाद पापा कहे अच्छा ठीक है बहुत बोल लिए।सरकार को जो करना है करे लेकिन तुम अपना काम ढंग से करो।
परसो इकोनॉमिक्स का टेस्ट हुआ,टेस्ट में 30 में से 17 आया,पापा पूछे सुने तुम्हारा टेस्ट हुआ,कैसा रहा रिजल्ट??हम कहे ठीक ही है!!!ठीक है की ठीक ही है??17 आया है 30 में से!!पापा कहे अरे!!!वाह बेटा मेरा नाम रौशन कर दिया।वाह!!!फिर एक पॉज के बाद उस दिन तो तुम मुझे बड़ा अर्थनीति और क्या – क्या समझा रहे थे,बड़ा लंबा – चौड़ा भाषण दे रहे थे!!एकदम वित मंत्री बन रहे थे!!!अरे!!पढ़ लो!!!बाद में नेता – मंत्री बनना।
इत्तेफाक नीचे के फोटो में कल का दो मेसेज आया है।घर से निकलवाने का विचार बना लिए हैं सभी।लेकिन एक बात कहें बहुत खूबसूरत अनुभव होता है जब कोई ऐसा मेसेज भेजता है।