तू ज़िंदगी को जी

तू ज़िंदगी को जी

तू ज़िंदगी को जी,, उसे समझने की
कोशिश न कर

सुन्दर सपनों के ताने बाने बुन
उसमें उलझने की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ, तु भी चल
उसमें सिमटने की कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला… खुल कर सास ले
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे, युद्ध को विराम दे
खामखांह ख़ुद से,, लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बातें,,
भगवान पर छोड़ दे
सब कुछ ख़ुद सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया, उसी में ख़ुश रह
जो सुकून छीन ले,, वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का,, लुत्फ़ उठा
मंज़िल पर जल्दी,
पहुँचने की कोशिश न कर…

By admin

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